देवी शंकर द्विवेदी जी के शब्दों में पढ़िए दादा मुख़र्जी की लीला जो आपने पहले नहीं पढ़ी होगी |
‘साक्षात हनुमान’
‘बाबा’ नीम करौरी महाराज के बड़े वाले चित्र पर मैं शुरू के दिनों में फूलों का एक बड़ा गजरा प्रतिदिन चढ़ाया करता था, जिसकी कीमत पांच रूपए पड़ती थी| एक दिन मेरे मन में विचार आया की इस तरह से तो महीने में मेरी जेब से डेढ़ सौ रुपये खर्च हो रहे हैं| इसी तरह का विचार दुसरे दिन जब मैं ‘दादा’ के घर जा रहा था रास्ते में आया|
वहां पहुँचने पर बरामदे में बैठे ‘दादा’ उठ खड़े हुए और मुझसे कहा, “देखिए! बाबा कभी माला पसंद नहीं करते थे| वे तो बहुत ही साधारण ढंग से रहते थे| अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए कभी-कभी तो सड़कों पर खड़े रहते थे| अब आज के बाद बाबा को कभी माला मत पह्नाइयेगा| बड़ी श्रद्धा हो तो दो फूल लाकर नीचे चित्र के सामने रख दिया करें|” अच्छा ‘दादा’ कहकर मैं चुप तो हो गया
लेकिन मेरे मन में तरह-तरह के सवाल उठने लगे| ‘दादा’ कैसे मेरे मन की बात जान गए? इतने दिनों से माला पहना रहा हूँ बाबा को तब तो इन्होने नहीं मना किया आज ही क्यों? निश्चित रूप से ‘दादा’ मेरे मन की बात जान गए थे| तभी तो उन्होंने ‘बाबा’ को माला चढाने से रोक दिया था|
इसकी चर्चा एक दिन मैंने ‘बाबा’ के भक्त तत्कालीन इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मनोज कुमार जी से की तो उन्होंने कहा था “दादा तो साक्षात हनुमान है|”
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति प्रेमशंकर गुप्त जी से एक बार ‘दादा’ के सम्बन्ध में जब मेरी बातचीत हुई तो उन्होंने कहे, “आजकल तो ‘दादा’ का चेहरा, हाव-भाव व स्वभाव सब कुछ ‘बाबा’ जैसा होता जा रहा है| ‘दादा’ अब ‘बाबा’ मय हो गए हैं|” न्यायमूर्ति प्रेमशंकर गुप्त जी का भी कुछ संकेत ‘दादा’ को हनुमान बताने का ही था| दादा जब बाबा मय हो गए तो निश्चित रूप से वे भी हनुमान हो गए क्योंकि ‘बाबा’ को हनुमान जी का अवतार माना जाता है|
इस तरह मैं दादा के घर प्राय: जाया करता था| ‘दादा’, बाबा की ही चर्चा करते| उनसे सम्बंधित किसी न किसी घटनाक्रम का उल्लेख करते जिसे सुनकर मैं आत्मविभोर हो जाया करता था|
इसी बीच ‘दादा’ ने कहा की अब तुम सप्ताह में एक दिन मंगलवार को आया करो| परन्तु मैंने उनकी बात न मानकर जब पहले की ही भाँती आना-जाना जारी रखा तो दादा ने मौन धारण कर लिया| इस तरह ‘दादा’ के मुंह से बाबा की चर्चा न हो तो जाना ही व्यर्थ था| ऐसी स्थिति में मजबूर होकर मैं मंगलवार को जाने लगा|
इस दौरान एक दिन मुझसे भाजपा नेता टंडन जी मिले| टंडन जी ही मुझे सर्वप्रथम ‘दादा’ के घर ले गए थे| मैंने उनसे कहा की दादा की आदेश पर मैं अब सिर्फ मंगलवार को ही वहां जाता हूँ| इस पर उन्होंने कहा की दादा जी तो चाहते हैं की आप साल में दो-तीन बार ही जाएँ| टंडन जी की बात सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ| मैंने सोचा पहले दादा हर दिन ‘फिर आइयेगा’ बुलाते थे| फिर सप्ताह में एक दिन आने के लिए कहा और अब साल में मात्र दो-चार दिन| मेरे मन में बार-बार एक ही बात आती थी ‘दादा’ ऐसा क्यों चाहते हैं|
फिलहाल अगले मंगलवार को जब मैं ‘दादा’ के घर गया तो मैंने उनसे टंडन जी से हुई सारी बातें बता दी|
‘दादा’ ने मेरी पूरी बात सुनी तो, लेकिन कुछ बोले नहीं| वे बहुत गंभीर हो गए| पता नहीं क्या सोच रहे थे…..? इस बीच मेरी दृष्टि ‘दादा’ के दाहिने पैर पर पड़ी|
सक्सेना जी को नीम करोली बाबा ने लीला दिखाई :https://babaneemkaroli.in/%e0%a4%b8%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%9c%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%a8%e0%a5%80%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%be/
मैंने देखा की उनके पैर के अंगूठे सहित तीन अंगुलियाँ पूरी तरह से सिन्दूरी रंग में रंगी हैं| मेरे मन में उस समय यह बात आई की लगता है उनके पैर में चोट लग गई है और वे चूना हल्दी लगाये हैं जिससे तीनों अंगुलियाँ सिन्दूरी रंग की हो गई हैं| फिर मैंने ‘दादा’ से पुछा, क्या पैर की अँगुलियों में चोट लगी गई है| जवाब में ‘दादा’ ने कहा की “चोट पैर की अँगुलियों में नहीं बल्कि मेरे दिल में लगी है|” उनकी यह बात सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ की टंडन जी की बातें हमें इनसे नहीं बताना चाहिए था|
फिर घर लौटते समय जब ‘दादा’ का चरण स्पर्श किया तो सिंदूरी रंग वाली अँगुलियों को खूब रगड़कर छुआ ताकि कोई चीज़ लगी हो तो मेरे हाथ में लग जाए परन्तु, ऐसा नहीं हुआ| ‘दादा’ के पैर के अँगुलियों का सिंदूरी रंग नैसार्गिक था|
उस दिन मेरे साथ मेरे संसथान के फ़ोटोग्राफ़र शरद मालवीय भी रहे| उन्हें भी ‘दादा’ की इस लीला का साक्षात दर्शन हुआ| फिर मुझे समझते देर नहीं लगी की ‘दादा’ भी हनुमान हैं| क्योंकि बाबा के पैर भी इसी तरह प्राय:सिन्दूरी रंग (लाल) हो जाया करते थे|
इसका उल्लेख ‘दादा’ ने अपनी दोनों पुस्तकों ‘संतकृपामृत’ और ‘पारस स्पर्श’ में किया है| स्वयं उन्होंने मुझसे कई बार इसकी चर्चा की थी की ‘बाबा’ के पांव लाल हो जाते थे|
इसी तरह एक बार और ‘दादा’ के पैरों की अंगुलियाँ हमने लाल (सिन्दूरी रंग) देखो थी| उस समय जब उनसे पुछा की आपके पैर की भी अंगुलियाँ ‘बाबा’ की ही तरह लाल (सिन्दूरी रंग) हो जाती हैं तो दादा ने कहा था, “चुप! मुँह बना है प्रसाद खाओ,…….बोलो नहीं…….” इतना कहकर उन्होंने अपना पैर धोती से ढक लिया था|
उनके पैरों की अँगुलियों के सिन्दूरी रंग होने की बात एक अन्य भक्त श्रीमती सत्या पाण्डेय ने भी मुझसे बताई थी| ‘दादा’ के सानिध्य में लगभग ढाई वर्ष बिताने का मौका मिला| इस दौरान ‘दादा’ को मैंने बड़े नजदीक से देखा है| इसमें दो राय नहीं की ‘दादा’ सर्वज्ञ थे| वे सब कुछ जानते थे तथा कुछ भी कर सकने में सक्षम थे|
दादा संतों के संत थे!
This channel/ site is not related in any way to any Ashram or Trust of Neem Karoli Baba Ji. It is our own activities that we want to reach to the devotees of Maharaj Ji and spread the devotion. We do not spread any kind of superstition nor sell any kind of garland amulets etc.
This work takes time and energy and we do not get any remuneration for it except for youtube ads etc. which remains miserable always.
To encourage our work, if you want to help us voluntarily, then do it from the link given below the Hindi Version.
यह चैनल / site किसी भी प्रकार से नीम करोली बाबा जी के किसी भी आश्रम अथवा ट्रस्ट से सम्बंधित नहीं है | यह हमारी अपनी गतिविधियाँ हैं कि हम महाराज जी के भक्तों तक पहुँचाना चाहते हैं और भक्ति की प्रसार करना चाहते हैं | हम किसी भी प्रकार का अंधविश्वास नहीं फैलाते न ही किसी भी प्रकार का माला ताबीज बेचते हैं |
इस कार्य में समय और ऊर्जा लगती ही है और हमको इसका कोई पारिश्रमिक नहीं मिलता है सिवाय youtube के विज्ञापन आदि के जो कि नहीं के बराबर ही रहता है |
हमारे कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए अगर आप धन राशी अपनी स्वेच्छा से आर्थिक सहायता करना चाहते हैं तो इस लिंक से करें
International payments : paypal direct link
Paypal.me/acharya1974
This is our YouTube Link below from where you can also browse through our videos. हमारे यूट्यूब को भी अवश्य देखें |
https://www.youtube.com/c/NKB369/videos
हमारे फेसबुक पेज को लाइक कीजिये और जुड़िये महाराज जी परिवार में https://www.facebook.com/Mere-Neem-Karoli-Baba-107702238264118
Instagram: https://www.instagram.com/babaneemkaroli.in/
Share this:
- Click to share on Facebook (Opens in new window)
- Click to share on X (Opens in new window)
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
- Click to share on Telegram (Opens in new window)
- Click to share on Tumblr (Opens in new window)
- Click to share on Pinterest (Opens in new window)
- Click to share on Reddit (Opens in new window)