Baba Neem Karoli

Welcome to the world of Neem Karoli Baba Maharaj Ji Love Serve Feed Speak Truth Always

नीम करोली बाबा ने एक देशभक्त की रक्षा करी
Posted in: neem karoli baba miracles

नीम करोली बाबा ने एक देशभक्त की रक्षा करी

नीम करोली बाबा ने एक देशभक्त की रक्षा करी 

बाबा जी महाराज ऋषीकेश के एक धर्मशाला के कमरे में एकाएक पहुँच गये और वहाँ उपस्थित एक व्यक्ति से बोले-“अरे! तुझे तो बड़ी भूख लगी है। कई दिन से तुझे खाना नहीं मिला है। चल मेरे साथ।” और दूसरे कमरे में उसे ले जाकर गरमागरम भोजन से पूर्ण एक थाली के पास बैठा दिया !! उस भूखे व्यक्ति ने भरपेट प्रसाद पाया।

नीम करोली बाबा के पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी को जीवन दान दिया:https://babaneemkaroli.in/ex-president-v-v-giri/ 

बाबा जी देखते रहे, और जब वह निबट गया तो परम अनुगृहीत होकर उसने महाराज जी के चरण चाँपने प्रारम्भ कर दिये। तभी बाबा जी ने उससे कहा, “पुलिस तेरा पीछा कर रही है। जा, यहाँ से भाग जा। पहाड़ों (हिमालय) से होते तिब्बत की ओर निकल जाना।”

( बाबा जी को कहाँ से पता मिला कि अमुक धर्मशाला में एक भूखा देश-भक्त बैठा है, और कहाँ से उन्होंने दूसरे कमरे में उसके लिये गरम भोजन की थाली प्रस्तुत कर दी ?)

भूखा व्यक्ति और कोई नहीं, स्वयं बम्बई के सुप्रद्धि स्नायु-विज्ञान विशेषज्ञ, डॉक्टर भोंसले थे जो वर्ष 1942 के स्वतन्त्रता आन्दोलन में अंग्रेजी राज के विरुद्ध बीड़ा उठाने के कारण राजद्रोही करार दिये गये थे और पुलिस के चंगुल से बचने हेतु ऋषीकेष की उस धर्मशाला में वेष बदलकर छिपे हुये कई दिनों से भूखे पड़े थे।

नीम करोली बाबा ने  देवकामता दीक्षित जी को बैंक से ऋण उपलब्ध कराया :https://babaneemkaroli.in/%e0%a4%9c%e0%a4%ac-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%bf%e0%a4%a4-%e0%a4%9c%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b/

एक देश-भक्त को उबारने हेतु ही बाबा जी वहां पहुँच गये थे और वहां उनके लिये भोजन की थाली सृजित कर उन्हें तृत्प भी कर दिया और सुरक्षित भी।

बीस वर्ष बाद, सन् 1962 में श्री शिवनारायण टंडन जी के घर उनके भतीजे के उपचार हेतु कानपुर आने पर उन्होंने अपनी गाथा स्वयं टंडन जी को सुनाई थी और मालूम होने पर कि बाबा जी इस वक्त लखनऊ में विराजमान हैं, उन्होंने लखनऊ जाकर बाबा जी के पुनः दर्शन किये।

वहाँ बाबा जी के चरण चाँपते 20 वर्ष पुरानी स्मृति उनके मस्तिष्क में कौंध गई कि तब भी तो महाराज जी की स्नायु-स्थिति ऐसी ही थी !! और वे कहे बिना न रह पाये कि, “बाबा, आपकी स्नायु स्थिति आज भी पूर्ववत ही है एक युवा की तरह!!”

नीम करोली बाबा ने टी बी के मरीज के प्राण बचाए:https://babaneemkaroli.in/neem-karoli-baba-saved-a-tb-patient/

जब लोटे में से रूपये निकलने लगे 

हल्द्वानी देवी ऑइल मिल्स में बाबा जी भक्तों से घिरे विराजमान थे। इतने में कृषकाय, काँपती देह लिये एक वृद्ध दरवाजे पर खड़ा हो गया।

महाराज जी ने आज्ञा दी, “इसे यहाँ लाओ”, और जब वह आया तो उसे अपने तखत में ही अपने बगल में बैठा लिया ।

जनरल माकेन्ना का ह्रदय परिवर्तन करा :https://babaneemkaroli.in/neem-karoli-baba-changes-heart/

“कुछ खाने को नहीं है तेरे पास?” बाबा जी ने पूछा। उसने अपनी कमजोर गर्दन हिला दी। बाबा जी ने फिर पूछा, “कहाँ है तेरा लोटा? ला दे।” वृद्ध ने अपनी बगल से एक छोटा-सा पीतल का लोटा निकाल दिखाया।

महाराज जी ने उस लोटे को अपनी हथेली से उसका मुँह ढकते हुये ले लिया, और पुनः वैसे ही उस वृद्ध को देते हुये कहा, “इसे ऐसे ही ले जा। दिखाना मत किसी को घर जाकर देखना।” और फिर कान में भी कुछ कहा।

वह वृद्ध आदेशानुसार लोटे का मुँह ढक कर ले गया ।

नीम करोली बाबा ने बताया राम नाम का महात्यम:https://babaneemkaroli.in/the-improtance-of-the-name-rama/

तीन दिन बाद वह वृद्ध पुनः आ गया महाराज जी को ढूँढते एक अन्य भक्त के घर । अब की कुछ चमक थी उसके चेहरे पर और पीठ भी कुछ सीधी थी।

आते ही वह महाराज जी के चरणों में लिपट गया-गुणगान करने लगा साथ में-“अरे बाबा! तू तो भगवान् है। तेरे चरणों में तो लक्ष्मी लोटती है।” कई बार ऐसा कहते वह महाराज जी के चरणों को चाँपता रहा। महाराज जी उसकी तरफ देखते मुस्कुराते रहे फिर बोले, “अब जा।”

सभी आश्चर्यचकित थे कि आखिर यह सब क्या माया है ? तभी बाबा जी की आज्ञा हो गई, “कोई मत जाना इसके पीछे।” और कहा, “पूरन, इसको बाहर तक पहुँचा दो।”

नीम करोली बाबा के चमत्कार:https://babaneemkaroli.in/%e0%a4%a8%e0%a5%80%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0/

बाहर जाकर महाराज जी की लीलाओं के प्रति सदा निर्विकार पूरन मन भी उत्सुक हो उठा रहस्य जानने को।

पूरन ने पूछा, “क्या हुआ था उस रोज ? बताओ।” पहले तो वह झिझकता रहा- मुस्कुराता भी रहा मौन होकर। पर जब मैंने उससे कहा कि, “हम तो खास आदमी हैं लीला का राज बता दो, “घर जाकर जब हमने लोटे के भीतर देखो तो उसमें दस रुपये का नोट था !!

(तब चौथे-पाँचवें दशक में दस रुपये बहुत हुआ करते थे।) मैंने जी भरकर खर्च किया, खूब खाया-पिया और रुपये खत्म कर दिये पर जब दूसरे दिन लोटा उठाया तो उसमें फिर दस का नोट मिल गया !! और कल भी मिला !! बाबा ने कहा था कि- “जब तुझे जरूरत होगी, लोटे से ले लेना।”

सर्पदंश से बचाया

एक भक्त को बाबा ने सर्पदंश से बचाया। वह भक्त शीत ऋतु काटने के लिए हल्द्वानी में एक छोटा कमरा लेकर रहने लगा था।

एक रात वह अपने कमरे में किसी सज्जन से बातों में मशगूल था, लेकिन उसकी बात बीच में ही छोड़कर उसने अपनी नजरें कमरे में दौड़ाईं। उसने देखा कि एक काला नाग रेंगता हुआ कमरे में आ रहा है।

नीम करोली बाबा ने संत को सन्मार्ग दिखाया :https://babaneemkaroli.in/%e0%a4%a8%e0%a5%80%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b8%e0%a4%a8/

वह साँप कमरे में जाकर टाट के नीचे छिप गया। उसके मन में आया कि यह नीब करौरी बाबा की लीला है अन्यथा वह उस सज्जन की बात बीच ही छोड़कर क्यों उधर देखता जिधर से साँप आ रहा था।

यह अवश्य जहरीला साँप होगा, अन्यथा मेरा ध्यान इस ओर महाराज जी क्यों आकृष्ट करते ।

बहरहाल उस व्यक्ति ने काफी सावधानी से साँप को कनस्तर में बन्द कर के बाहर छोड़ दिया।

दादा मुख़र्जी के चरण लाल हो जाना :https://babaneemkaroli.in/dada-mukherjee-2/

पाँच वर्षों बाद वह महाराज जी के दर्शन के लिए गया तो उनसे शिकायत की-“महाराज जी न तो आपने मेरी कोई मदद की और न ही रक्षा, जबकि इस बीच मैं काफी परेशानियों में पड़ा था।”

“क्यों ?” महाराज जी बोले, “हमने तो एक बार तेरी जिन्दगी बचाई। भूल गया तू, जब मैंने तुझे साँप से बचाया।”

उस भक्त का अनुमान सही निकला कि महाराज जी की लीला के कारण ही उसने ऐन वक्त पर साँप को घर में घूमते हुये देख लिया था, अन्यथा उसकी मौत निश्चित थी।

This channel/ site is not related in any way to any Ashram or Trust of Neem Karoli Baba Ji. It is our own activities that we want to reach to the devotees of Maharaj Ji and spread the devotion. We do not spread any kind of superstition nor sell any kind of garland amulets etc.

This work takes time and energy and we do not get any remuneration for it except for youtube ads etc. which remains miserable always.
To encourage our work, if you want to help us voluntarily, then do it from the link given below the Hindi Version.

यह चैनल / site किसी भी प्रकार से नीम करोली बाबा जी के किसी भी आश्रम अथवा ट्रस्ट से सम्बंधित नहीं है | यह हमारी अपनी गतिविधियाँ हैं कि हम महाराज जी के भक्तों तक पहुँचाना चाहते हैं और भक्ति की प्रसार करना चाहते हैं | हम किसी भी प्रकार का अंधविश्वास नहीं फैलाते न ही किसी भी प्रकार का माला ताबीज बेचते हैं |

इस कार्य में समय और ऊर्जा लगती ही है और हमको इसका कोई पारिश्रमिक नहीं मिलता है सिवाय youtube के विज्ञापन आदि के जो कि नहीं के बराबर ही रहता है |

हमारे कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए अगर आप धन राशी अपनी  स्वेच्छा से आर्थिक सहायता  करना चाहते हैं तो इस लिंक से करें

For donating towards our work please use this link below for domestic visitors

https://rzp.io/l/pdmqYxNIg

International users please use the paypal link given below or the email for paypal. astrologer.raman51@gmail.com. International payments : paypal direct link: Paypal.me/acharya1974

This is our YouTube Link below from where you can also browse through our videos. हमारे यूट्यूब को भी अवश्य देखें |

https://www.youtube.com/c/NKB369/videos

हमारे फेसबुक पेज को लाइक कीजिये और जुड़िये महाराज जी परिवार में https://www.facebook.com/Mere-Neem-Karoli-Baba-107702238264118

Instagram: https://www.instagram.com/babaneemkaroli.in/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to Top